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Brahman : full story (ब्राह्मण परिचय)

ब्राह्मण विप्र ब्राह्मण  (आचार्य, विप्र, द्विज, द्विजोत्तम) यह वर्ण व्‍यवस्‍था का सर्वोच्च वर्ण है। एेतिहासिक रूप हिन्दु वर्ण व्‍यवस्‍था में चार  वर्ण  होते हैं।  ब्राह्मण  (आध्यात्मिकता के लिए उत्तरदायी),  क्षत्रिय  (धर्म रक्षक),  वैश्य  (व्यापारी) तथा  शूद्र (सेवक, श्रमिक समाज)। यस्क मुनि की निरुक्त के अनुसार -  ब्रह्म जानाति ब्राह्मण:  -- ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है - "ईश्वर का ज्ञाता"। यद्यपि भारतीय जनसंख्या में ब्राह्मणों का प्रतिशत कम है, तथापि धर्म, संस्कॄति, कला तथा शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान अपरिमित है ब्राह्मण महत्ता : ब्राह्मण समाज का इतिहास प्राचीन भारत के  वैदिक  धर्म से आरंभ होता है। " मनु-स्मॄति " के अनुसार आर्यवर्त वैदिक लोगों की भूमि है। ब्राह्मण व्यवहार का मुख्य स्रोत वेद हैं। ब्राह्मणों के सभी सम्प्रदाय वेदों से प्रेरणा लेते हैं। पारंपरिक तौर पर यह विश्वास है कि वेद  अपौरुषेय  (किसी मानव/देवता ने नहीं लिखे) तथा ...