25 दिसंबर 1924 को भारत रत्न 'अटल जी' का जन्म ग्वालियर में हुआ प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से लेकर बाजपेयी जी ने आगे की शिक्षा कानपुर से ली लेकिन बाजपेयी जी का कविता और लेखन में ज्यादा मन था और राजनीती में परिवर्तन लाना चाहते थे और इसी तरह वे राजनीती में चले आये
अटल जी कहते थे 'यही कलम है जो रजनीत्ति से उन्हें मलहम का काम करती है यही मेरे विचार प्रकट करती है'
अटल जी 'जनसंघ' से जुड़े और फिर जनता पार्टी से और वे कदावर नेता बन गए अपनी साफ़ छवि और निष्पक्ष विचार के कारण अटल जी पक्ष और विपक्ष में समान रूप से आदरणीय थे वे पहले ऐसे नेता थे जिन्हें इतना सम्मान मिला था वे अपनी कविताओ से सभी सभा सदस्यों को हँसा खिलखिला देते थे
अटल जी भारत के प्रधानमंत्री पद पर तीन बार निर्वाचित हुए
उन्ही के कार्यकाल में भारत ने परमाणु परिक्षण किया और उन्होंने लाहौर यात्रा बस द्वारा की परंतु उसी के कुछ महीनो बाद कारगिल युद्ध छिड़ गया और भारत उसमे विजय हुआ
अटल जी कहते थे की 'आप दोस्त बदल सकते हो पर पडोसी नही' अटल जी पाकिस्तान से रिश्ते सुधरने के पक्ष में थे अटल जी की सरकार 2004 के चुनाव में हार गई और कांग्रेस का सरकार बनी लेकिन तभी से अटल जी सक्रिय राजनीती से किनारा किआ और उनकी सेहत भी सही नही रहती थी और स्ट्रोक के बाद तो उनका स्वास्थ्य बेहद खराब रहने लगा और 16 अगस्त 2018 को देश के प्रिय जनता के चहिते राजनेता जननायक का अतिंम साँस ली उनकी अंतिम संस्कार में लाखो की संख्या में लोग पहुचे और फेसबुक सोशल मीडिया अटल जी की शोक की खबर से भर गया
अटल जी कहते थे "छोटे मन से कोई बड़ा नही होता, टूटे मन ज़े कोई खड़ा नही होता"
अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि #जयहिंद
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