"" -- "बारिश की बूंद" --
_______
'मंज़िल दूर नही राही पाने की चाहत उसे दूर बनाती है'
___
_____ दोस्तों आज का जो जीवन व्रतांत पढ़ने पर आप जीवन का सही अर्थ समझ जाओगे की हम इस मनुष्य जीवन में क्यों है और हमे अपने जीवन में कोनसा लक्ष्य प्राप्त करना है , हमे क्या प्राप्त करना है
_महिपाल खेत की बिजाई करके आ गया और भरी दोपहर में ढाणी ( खेत में बना निवास ) के बाहर लगे पेड़ की छाव में लेट गया अभी मानसून का मौसम हैं और उसे आशा थी की बारिश आने वाले कुछ दिनों में होगी
राजस्थान का पश्चिमी इलाका बहुत ही कम बारिश का इलाका है लग्भग 20 - 50 cm की बारिश प्रतिवर्ष होती है यहा ग्वार जो कम बारिश में हो जाती है मुख्य फसल है
महिपाल की माँ महिपाल से कहती है बेटा बारिश आ जाये तो निहाल हो जाये बढ़िया फसल हो जाये तो बनियो का हिसाब पूरा कर दे तब महिपाल माँ को कहता है की माँ बनियो को तो बाद में देखेगे तेरा इलाज़ करवायेगे पहले
महिपाल की माँ को हार्ट प्रॉब्लम थी और इलाज़ के लिए बहूत पैसे लगते थे पर महिपाल माँ के लिए सबकुछ करने को त्यार था उसकी माँ उसका जीवन थी
लेकिन फसल के होने के आसार धूमिल थे क्योकि उस साल सुखा पड़ा और खेत बंज़्ज़र सूखे रह गए पीने को पानी को लोग तरस गए और महिपाल हताश हो गया महिपाल की हालात देख उसके माँ को दौरा पड़ा महिपाल दौड़ा "माँ -माँ" की चीत्कार फैली अपनी माँ को बचाने जयपुर जोधपुर के बड़े अस्पताल में ले गया पहले उसने 5 लाख रूपये इलाज़ में लगाये पर डॉक्टर्स को उसके हालात पर दया ना आई और उसे कहा 2 लाख और लगेंगे पैसे लाओ वरना इलाज़ नही होगा बेचारा महिपाल अपने फ़टे कपड़ो में अपने आढ़त के सेठ के पास गया और पैसे मांगे तो सेठ ने साफ मना कर दिया की तूने पहले ही 6 लाख ले रखे है महिपाल हारा इधर उधर चक्कर लगता रहा फिर डॉक्टर को कहता है डॉक्टर साब आप मेरी माँ का इलाज़ फिर से शरू कर दो मे जमीन बेच के आपको पैसे दे दूँगा लेकिन थोडा समय लगेगा पर डॉक्टर नही माने और महिपाल की गिड़गिड़ाहट में आँसुओ में उसकी माँ चल बसी महिपाल की आधी सांस खत्म सी हो गयी
महिपाल जिंदगी से हताश हो गया लेकिन उसकी माँ की मोत उसे नींद ही नही लेने दे रही थी जैसा उसके साथ हुआ ऐसा और किसी के साथ न हो ये महिपाल ने ठान लिया महिपाल एक आग बनने की और था उसने बारिश के चल का सग्रहण की सोची की पानी के आभाव में सगर्हित पानी का उपयोग हो महिपाल ने दस महीनो की मेहनत से एक तालाब निर्माण किया जो आस पास के पानी को एक जगह इक्ट्ठा हो जाता था
फिर हुई बारिश और तालाब पूरा भर गया महिपाल के पानी की कमी तालाब से पूरी हो गयी और महिपाल की आमदनी उस वर्ष 10 लाख हुई और महिपाल ने सभी पैसे चुकता किए और बाकि बचे पैसो से एक गरीब जो पैसो से परेशान था उसकी मदद की अब महिपाल जो की एक समाजसेवी बन गया है उसने अभी तक 50 तालाब निर्मित करवा दिए है और 71 गरीब कन्याओ का विवाह करवाया है और 20 लाख रूपये इलाज़ में दान कर चूका है
'सलाम है ऐसे समज़सेविओ को जो अपनो को न बचा पाये तो समाज को बचा लिया समाज को सम्बल प्रदान किया'
"मिलती है सुकून हर कोशिश में कोशिश नाकाम हो या सफल"
_____"मिलते है अगले ब्लॉग में________pankaj sarswa
_______
'मंज़िल दूर नही राही पाने की चाहत उसे दूर बनाती है'
___
_____ दोस्तों आज का जो जीवन व्रतांत पढ़ने पर आप जीवन का सही अर्थ समझ जाओगे की हम इस मनुष्य जीवन में क्यों है और हमे अपने जीवन में कोनसा लक्ष्य प्राप्त करना है , हमे क्या प्राप्त करना है
_महिपाल खेत की बिजाई करके आ गया और भरी दोपहर में ढाणी ( खेत में बना निवास ) के बाहर लगे पेड़ की छाव में लेट गया अभी मानसून का मौसम हैं और उसे आशा थी की बारिश आने वाले कुछ दिनों में होगी
राजस्थान का पश्चिमी इलाका बहुत ही कम बारिश का इलाका है लग्भग 20 - 50 cm की बारिश प्रतिवर्ष होती है यहा ग्वार जो कम बारिश में हो जाती है मुख्य फसल है
महिपाल की माँ महिपाल से कहती है बेटा बारिश आ जाये तो निहाल हो जाये बढ़िया फसल हो जाये तो बनियो का हिसाब पूरा कर दे तब महिपाल माँ को कहता है की माँ बनियो को तो बाद में देखेगे तेरा इलाज़ करवायेगे पहले
महिपाल की माँ को हार्ट प्रॉब्लम थी और इलाज़ के लिए बहूत पैसे लगते थे पर महिपाल माँ के लिए सबकुछ करने को त्यार था उसकी माँ उसका जीवन थी
लेकिन फसल के होने के आसार धूमिल थे क्योकि उस साल सुखा पड़ा और खेत बंज़्ज़र सूखे रह गए पीने को पानी को लोग तरस गए और महिपाल हताश हो गया महिपाल की हालात देख उसके माँ को दौरा पड़ा महिपाल दौड़ा "माँ -माँ" की चीत्कार फैली अपनी माँ को बचाने जयपुर जोधपुर के बड़े अस्पताल में ले गया पहले उसने 5 लाख रूपये इलाज़ में लगाये पर डॉक्टर्स को उसके हालात पर दया ना आई और उसे कहा 2 लाख और लगेंगे पैसे लाओ वरना इलाज़ नही होगा बेचारा महिपाल अपने फ़टे कपड़ो में अपने आढ़त के सेठ के पास गया और पैसे मांगे तो सेठ ने साफ मना कर दिया की तूने पहले ही 6 लाख ले रखे है महिपाल हारा इधर उधर चक्कर लगता रहा फिर डॉक्टर को कहता है डॉक्टर साब आप मेरी माँ का इलाज़ फिर से शरू कर दो मे जमीन बेच के आपको पैसे दे दूँगा लेकिन थोडा समय लगेगा पर डॉक्टर नही माने और महिपाल की गिड़गिड़ाहट में आँसुओ में उसकी माँ चल बसी महिपाल की आधी सांस खत्म सी हो गयी
महिपाल जिंदगी से हताश हो गया लेकिन उसकी माँ की मोत उसे नींद ही नही लेने दे रही थी जैसा उसके साथ हुआ ऐसा और किसी के साथ न हो ये महिपाल ने ठान लिया महिपाल एक आग बनने की और था उसने बारिश के चल का सग्रहण की सोची की पानी के आभाव में सगर्हित पानी का उपयोग हो महिपाल ने दस महीनो की मेहनत से एक तालाब निर्माण किया जो आस पास के पानी को एक जगह इक्ट्ठा हो जाता था
फिर हुई बारिश और तालाब पूरा भर गया महिपाल के पानी की कमी तालाब से पूरी हो गयी और महिपाल की आमदनी उस वर्ष 10 लाख हुई और महिपाल ने सभी पैसे चुकता किए और बाकि बचे पैसो से एक गरीब जो पैसो से परेशान था उसकी मदद की अब महिपाल जो की एक समाजसेवी बन गया है उसने अभी तक 50 तालाब निर्मित करवा दिए है और 71 गरीब कन्याओ का विवाह करवाया है और 20 लाख रूपये इलाज़ में दान कर चूका है
'सलाम है ऐसे समज़सेविओ को जो अपनो को न बचा पाये तो समाज को बचा लिया समाज को सम्बल प्रदान किया'
"मिलती है सुकून हर कोशिश में कोशिश नाकाम हो या सफल"
_____"मिलते है अगले ब्लॉग में________pankaj sarswa
Comments
Post a Comment